सरदारशहर। क्षेत्रीय वन अधिकारी अनुप कुमार शर्मा को बुधवार देर शाम को राजस्थान के प्रधान मुख्य वन संरक्षक डॉ दीप नारायण पाण्डेया ने एपीओ किया है। जिसकी जांच बीकानेर के छतरगढ डीएफो दलीपसिंह राठौड़ को सौपीं गई है। आगामी आदेशों तक रैजर शर्मा का कार्यालय बीकानेर रखा गया है। मिली जानकारी के अनुसार एपीओ करने का मुख्य कारण यह भी सामने आया है कि बिना सुचना कार्यालय से गायब होना व विभाग के उच्चाधिकारियों के आदेशों की पालना नहीं करना, क्षेत्र में अवैध रूप से भारी मात्रा में हरे पेड़ो की कटाई होना पाया गया है। आपको बतादे एपीओ के आदेश जारी होने से पहले रैजर शर्मा के नैतृत्व में वन विभाग की टीम के साथ मिलकर दो अलग-अलग स्थानों से हरी लकड़ियों की अवैध तस्करी के मामले में तीन पिकअपों में भरी 90 क्विंटल खेजड़ी की लकड़ियों सहित कार्यवाही की थी। अवैध तरीके से हरी लकड़ियों को काटकर तस्करी करने के मामले में पिकअप के तीन ड्राइवरो को गिरफ्तार किया हैं।हरियाणा की मंडी में हरी लकड़ियों का मिलता है अच्छा भाव, इसीलिए पिकअपों में अवैध हरी लकड़ियां होती है रात को सप्लाईक्षेत्र में दिन-रात को पिकअपों में अवैध हरी लकड़ियों हरियाणा की मंडियों में जाती है। हरे पेड़ो से भरी गई पिकअपों को तिरपाल से ढक दिया जाता है।ताकि किसी को पता नहीं लग सके कि इस गाड़ी में क्या माल भरा हुआ है। जानकारी के अनुसार बताया जा रहा है कि अवैध लकड़ियों का कारोबार करने ने बताया कि राजस्थान से अवैध रूप से काटी गई हरी लकड़ियों की तस्करी बॉर्डर पार की जाती है। तस्कर लकड़ियों को चोरी छुपे हरियाणा इलाके में लगने वाली लकड़ियों की मंडी में बेचने जाते हैं। हरियाणा में लकड़ियां बेचने का मकसद पूछने पर सामने आया कि राजस्थान के मुकाबले हरियाणा में लगने वाली मंडी में लकड़ियों के भाव में 3 से 5 रुपए प्रति किलो का फायदा तस्करों को होता है। इसी के चलते राजस्थान से हरी लकड़ियों की तस्करी हरियाणा में की जाती है। हरियाणा से अच्छे दामों में लकड़ी दिल्ली के होटलों और ढाबों पर सप्लाई की जाती है। यह कारोबार करने वाले तस्करों ने बताया कि एक पिकअप को हरियाणा में बेचते है तब 15 हजार रूपयों का ज्यादा फायदा होता है।मुझे एपीओ की हार्ड कॉपी नहीं मिली सोशल मीडिया में हो रहा है वायरलसरदारशहर क्षेत्रीय वन अधिकारी अनूप शर्मा ने बताया कि मुझे एपीओ की हार्ड कॉपी नहीं मिली है। लेकिन सोशल मीडिया में ऑडर की कॉपी वायरल हो रही है। इसके माध्यम से मुझे भी पता चला है कि मुझे एपीओ किया गया है। इस संबंध में मुझे कैसे एपीओ किया है इस बारे में उच्चाधिकारियों से मिलने के बाद ही साफ हो पाएगा।