भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने महिला क्रिकेट को बढ़ावा देने के लिए वुमेन प्रीमियर लीग (WPL 2023) का आयोजन किया. इस लीग के बाद कई महिला युवा क्रिकेटर भारत के सामने आने वाली हैं. इतना ही नहीं, यह लीग एक नियम परिवर्तन भी सामने लेकर आई है. कई बार अंपायर्स के फैसले पर प्लेयर्स और कप्तान को संशय होता है. यदि यह मामला विकेट का हो तब कप्तान रिव्यू की मांग कर सकते हैं. लेकिन जब बात आती है नो-बॉल और वाइड बॉल की तो खिलाड़ियों को अंपायर के फैसले से ही संतुष्ट रहना होता है।
अब इस नियम में बदलाव देखने को मिला है. 4 मार्च से शुरू हुई महिला प्रीमियर लीग में इस नियम में बदलाव की एक झलक देखने को मिली. इतना ही नहीं, इसका फायदा भी खिलाड़ियों को मिला. नियम के मुताबिक खिलाड़ी को ऑन फील्ड अंपायर द्वारा लिए गए किसी भी फैसले पर रिव्यू लेने की अनुमति मिलती है. इस नियम को डब्लूपीएल में लागू किया गया और पहले ही मैच में इसकी झलक देखने को मिली. क्रीज पर मौजूद बल्लेबाज भी वाइड बॉल के अंपायर्स के फैसले को चुनौती दे सकते हैं. यूपी वॉरियर्स की ग्रेस हैरिस ने गुजरात के खिलाफ मैच में ऐसा किया. वह अंपायर के खिलाफ गईं और अपनी टीम के लिए एक अतिरिक्त रन भी जोड़ा.