कलेजे के टुकडे को ट्रेन में छोडा, कागज पर लिखा, इसे अनाथालय में छोड दें, मासूम का किया रेस्क्यू

कलेजे के टुकडे को ट्रेन में छोडा, कागज पर लिखा, इसे अनाथालय में छोड दें, मासूम का किया रेस्क्यू

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चूरू। कहते हैं बच्चों में माता-पिता की जान बसती है बच्चों की एक आह पर माता, पिता दौड़े चले आते है लेकिन दिल्ली, बीकानेर एक्सप्रेस ट्रेन मे एक मासूम जान अपनों से दूर दौड़ रही थी.जी हाँ एक 3 वर्षीय मासुम को उसके अपनों ने ही लावारिस हालत में ट्रेन में छोड दिया. छोटे से बैग के साथ इस नन्हे से बालक को चूरू रेलवे स्टेशन पर मंगलवार को RPF थानाधिकारी राजेश चौधरी ने रेस्क्यु किया. मासुम की कहानी का अंदाजा उसकी ही जेब में मिले एक कागज के टुकडे से लगाया जा सकता है जहां कागज के टुकडे पर उसके अपनों ने ही इस मासुम की किस्मत का फैसला लिखते हुए लिखा- जिस सज्जन को यह बच्चा मिले इसको अनाथालय में छोड दें, भगवान आपका भला करेगा.RPF थानाधिकारी राजेश चौधरी ने बताया 3 वर्षीय बालक का स्वास्थ्य परीक्षण करवाकर बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया जहां से उसे नंद गृह में रखा गया है. वही चाइल्ड हैल्प लाइन की टीम बालक के परिजनों की तलाश कर रही है. आरपीएफ थानाधिकारी राजेश चौधरी ने बताया कि दिल्ली—बीकानेर एक्सप्रेस ट्रेन में एक 3 साल का बालक लावारिस हालत में मिला जिसका रेस्क्यू कर उसे RPF स्टेशन पर लाकर चाय, बिस्किट करवाया और चाइल्ड हेल्प लाइन को सूचित किया.RPF थानाधिकारी राजेश चौधरी ने कहा प्रारम्भिक जानकारी मे बालक बिहार राज्य का होना सामने आया है।

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