सरदारशहर। प्रदेश में बिजली निगम के निजीकरण का विरोध करने समेत अन्य मांगों को लेकर सोमवार को राजस्थान विद्युत संयुक्त संघर्ष समिति के तत्वावधान में सरदारशहर में निगम कर्मचारियों ने धरना प्रदर्शन किया और कार्य बहिष्कार कर अपना विरोध जताया। संघर्ष समिति के सदस्य अधिशाषी अभियंता मनोज कुमार गोयल ने बताया कि प्रदेश में बिजली निगम का अंधाधुंध निजीकरण किया जा रहा है। कर्मचारी इस निजीकरण के पुरजोर विरोध में है। राज्य सरकार ने तापीय बिजली उत्पादन गृहों को निजी हाथों में सौंपने का प्रयास किया है, जो की राज्य की बिजली आपूर्ति में आत्मनिर्भरता को खतरे में डाल सकता है। वही निजीकरण करने से कुशल बेरोजगारों को कम वेतन मिलेगा और उनका शोषण होगा। इसके अलावा किसानों को भी उच्च दर पर बिजली मिलेगी। जिससे महंगा बढ़ेगी। लोगों का जीना दुश्वार होगा। ज्ञापन में बताया कि ओपीएस योजना के संबंध में कर्मचारी को पिछले एक वर्ष योजना का फर्म भराकर सदस्य बनाया गया। लेकिन अभी तक ओपीएस का लाभ नहीं मिल पाया। इसे लेकर कर्मचारियों ने सरदारशहर एसडीएम कार्यालय में विरोध प्रदर्शन करते हुए एसडीएम दिव्या चौधरी को ज्ञापन सौपा। कर्मचारियों ने बताया कि बिजली क्षेत्र में सभी प्रकार के निजीकरण पर रोक लगाने, नए कर्मचारियों की भर्ती कर ग्रिड सब स्टेशनों और तापीय बिजली उत्पादन गृह का संचालन निगम कर्मचारियों के जरिए करने, ओपीएस योजना को पूरी तरह से पालन कर ईपीएफ कटौती बंद कर जीपीएफ कटौती चालू करने की मांग की गई। कर्मचारियों ने अपनी मांगों के समर्थन में जमकर नारेबाजी की और कार्य बहिष्कार किया। चंद्रप्रकाश लाटा ने बताया कि सोमवार को यह उपखंड स्तर का विरोध प्रदर्शन है।
इसके बाद 29 नवंबर को जिला स्तर पर प्रदर्शन और विरोध जताया जाएगा। वहीं उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया तो लोकतांत्रिक श्रमिक आंदोलन और तेज किया जाएगा। इस मौके पर ग्रामीण सहायक अभियंता पीयूष कुमार मीणा,भादासर सहायक अभियंता धीरज कुमार विश्नोई, प्रेमनाथ सिद्ध, प्रतीक कुमार, विनोद कुमार,दामोदर माली,नवरत्न श्योराण,नरेंद्र कुमार,दिनेश कुमार सैनी,उमेश तिवाड़ी, मनोज सैनी,सुनील सहारण,हनुमान पुरोहित,हनुमान प्रजापत,जितेंद्र सिंह,रोहिताश,कालूसिंह,शिवभगवान, चेतन गोस्वामी, पूनम पारीक, प्रताप रणवा, गणेश शर्मा, रविन्द्र सिंह,प्रकाश सिंह, सीपी लाटा, पवन पंवार आदि ने विरोध प्रदर्शन किया।