ताल मैदान स्थित गणगौर घाट पर पहली बार निकाला नगर बनोरा, महिलाओं एवं बेटियों ने दी शानदार प्रस्तुतियां

ताल मैदान स्थित गणगौर घाट पर पहली बार निकाला नगर बनोरा, महिलाओं एवं बेटियों ने दी शानदार प्रस्तुतियां

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सरदारशहर गणगौर घाट पर दो दिवसीय गणगौर महोत्सव के अंतर्गत गुरुवार को भव्य नगर गणगौर बनोरे का आयोजन किया गया। जिसमें शहर की मातृ शक्ति ने बढचढ कर भाग लिया । बनोरे में शहर की बहन – बेटिया अपनी अपनी गणगौर के साथ आई एवं विशाल फ्लोर डीजे पर लोक सांस्कृतिक गीतों पर जमकर नृत्य किया। नगर बनोरे की प्रभारी डा.मोनिका सैनी ने बताया कि पूरे राजस्थान में सरदारशहर में पहली बार यह नवाचार किया गया है, नवविवाहिताओ द्वारा अपने मोहल्ले के घरों में गणगौर का बनोरा निकाला जाता है, लेकिन इस बार नवाचार करते हुए पूरे नगर का बनोरा एक साथ निकाला गया है।

जिसमें युवतियां महिलाएं नगर बनोरे में पहुंची है, उन्होंने बताया कि शुक्रवार को गणगौर महोत्सव मनाया जाएगा जिसके तहत विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताओं का आयोजन भी किया जाएगा, उन्होंने बताया कि प्रतियोगिता में भाग लेने वाली प्रतिभागियों के लिए गणगौर की वेशभूषा पहनकर आना अनिवार्य है, वही आपको बता दें कि गणगौर बनोरे में भी शहर भर की युवतियां महिलाएं सज धज कर पहुंची और गणगौर घाट पर जमकर सांस्कृतिक गानों पर नृत्य किया, नगर बनोरे को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था के लिए पुलिस जाब्ता भी तैनात रहा, इसके साथ साथ स्काउट गाइड की छात्राएं भी व्यवस्थाएं संभालने में लगी हुई थी, आपको बता दें कि शहर में पहली बार गणगौर मेला आयोजन समिति द्वारा यह नवाचार किया गया, जिसकी शहर में भरपूर प्रशंसा हो रही है, हालांकि अचानक मौसम खराब होने के कारण गणगौर नगर बनोरे में भीड़ कम जुट पाई, इस दौरान आयोजन समिति द्वारा प्रसाद भी वितरित किया गया।

इस अवसर पर ममता वर्मा ने बताया कि राजस्थान में पहली बार इस तरह के कार्यक्रम का आयोजन किया गया है, उम्मीद है कि आगामी वर्षों में शहरवासियो के सहयोग से और भव्य कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, और कई प्रकार के नए कार्यक्रम गणगौर महोत्सव के दौरान किए जाएंगे, इस दौरान शहर की महिलाएं और युवतियां टोली के रूप में नगर बनोरे में पहुंची और नगर बनोरे का उत्साह के साथ आनंद लिया, वहीं शुक्रवार को भव्य गणगौर की झांकी निकाली जाएगी, जो नगरपालिका से मुख्य बाजार होती हुई गणगौर घाट पहुंचेगी जहां पर गणगौर की पूजा होगी, उसके बाद वापस मुख्य मार्गो से होती हुई नगरपालिका पहुंचेगी, आपको बता दें कि नवविवाहिताओं के लिए गणगौर पर्व सबसे बड़ा पर्व होता है, शादी होने के बाद नवविवाहिता गणगौर माता का पूजन करती है, होली पर्व के दूसरे दिन से गणगौर माता का पूजन शुरू होता है, शीतला सप्तमी से गणगौर के बनोरे निकाले जाते हैं, शाम के समय युवतियों की टोली घर-घर जाकर गणगौर के बनोरे निकालती है और गणगौर माता के मंगल गीत गाती है, गणगौर पर्व को शिव पार्वती के रूप में मनाया जाता है, इस अवसर पर गणगौर बनोरे में सपना लूणिया, ममता वर्मा के नेतृत्व में महिला कार्यकर्ताओं ने सम्पूर्ण व्यवस्थाएं संभाली। गणगौर मेला आयोजन समिति ने सभी माताओं बहनों का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर शोभाकान्त स्वामी, शंभुदयाल पारीक, माणकचन्द भाटी, संपतराम जांगिड़, विनोद जोशी, भंवरलाल सोनी, जगमोहन गौड़, गौरीशंकर कन्दोई, रामलाल सुथार, शंकर एण्ड शंकर, ओमप्रकाश तिवाड़ी, पण्डित शिवकान्त पारीक आदि ने व्यवस्थाओं में सहयोग किया।

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