सरदारशहर जाट विकास संस्थान के अध्यक्ष जाखड़ को दी श्रद्धांजलि दी

सरदारशहर जाट विकास संस्थान के अध्यक्ष जाखड़ को दी श्रद्धांजलि दी

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सरदारशहर। जाट विकास संस्थान के अध्यक्ष व पंचायत समिति सदस्य रहे सोहनलाल जाखड़ को जाट विकास संस्थान में श्रद्धाजलि दी गई। इस दौरान जाखड़ की तस्वीर पर पुष्प अर्पित करते हुए उनके जीवन के बारे में बताया। विधायक अनिल शर्मा ने कहा कि जाखड़ बहुत ही साधारण सभाव के इंसान थे उन्होने राजस्व विभाग में लंबे समय तक पटवारी के पद में सेवा दी, इस दौरान नौकरी के साथ-साथ सामाजिककार्यों में भी सक्रिय रहे। इसलिए आज उनकी श्रद्धाजलि सभा में इतनी बड़ी संख्या में लोग एकत्रित हुए है।

इसी प्रकार भाजपा लोकसभा प्रत्यासी देवेंद्रसिंह झाझड़िया ने कहा कि मेरा उनसे घरेलू संबध था वो हमेशा ही शिक्षा व खेल के प्रति बढावा देने की बाते करते थे। इस घटना से समाज को अपूरणीय क्षति हुई है। भगवान उनकी आत्मा को शांति दें। उनके परिजनों को इस दुख की घड़ी को सहने की ताकत दें। जाखड़ को शहर के विभिन्न समाजिक संगठनों के माध्यम से श्रद्धाजंली दी गई। इस मौके पर ओलंपिक विजेता देवेंद्र झाझड़ीया, पूर्व जिला प्रमुख कमल कसवां, विधायक अनिल शर्मा, नगर परिषद सभापति राजकरण चौधरी, इंद्राज सारण, जाट संस्थान भानीपुरा अध्यक्ष फुसाराम हुड्डा, रेवंत राम बेनीवाल,धनपत चौधरी,ईश्वर डूडी, लालचंद मुंड, महावीर माली, डा सत्यनारायण झाझड़िया,श्यामलाल तावनिया,बीरबल नाथ सिद्ध, प्रभुराम पुनियां,हनुमान डेलाना,बृजलाल ढाका,बनवारी लाल जांगिड़, महेन्द्र सिंवर,अब्दुल रशीद चायल, मोहनलाल आर्य,प्रभुदयाल सियाग, रामजस चाहर,रणजीत सारण,ताराचंद सारण, महेंद्र सिहाग, मुन्नालाल सुंडा, बलदेव सारण,मूलाराम जाखड़,दुर्गाराम पारीक,रतिराम सारण,गोपाल राम कड़वासरा,रामकुमार कुलड़िया,रामप्रताप खीचड़, मुकनाराम पोटलिया, अशोक पूनिया,रामरख जाखड़, अर्जुन राम जाखड़,संदीप पोटलिया सहित सोहन लाल जाखड़ के सुपुत्र महावीर व राजू आदि उपस्थित रहे।

इस दौरान इंद्राज सारण ने बताया की जाट विकास संस्थान भवन स्वर्गीय श्री सोहनलाल जाखड़ (पटवारी जी) की श्रद्धांजलि सभा रखी गई जिसमें विभिन्न सामाजिक संगठनों व राजनेताओं ने सोहन जाखड़ द्वारा किए गए रचनात्मक कार्यों के प्रति उनकी रुचि व तनमयता पर प्रकाश डाला ।युवाओं ने जाखड़ को आदर्श मानते हुए उनके आदर्शों को जीवन में उतरानें की शपथ ली, जाखड़ परिवार ने मृत्यु भोज वह उढावनी जैसी बोझिल परंपराओं को बंद कर समाज में जागृति की मिसाल पेश की है ।

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