आई फ्लू का प्रकोप, राजकीय अस्पताल में रोजाना आ रहे हैं बड़ी संख्या में आई फ्लू के मरीज

आई फ्लू का प्रकोप, राजकीय अस्पताल में रोजाना आ रहे हैं बड़ी संख्या में आई फ्लू के मरीज

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सरदारशहर उपखंड क्षेत्र में पिछले 2 सप्ताह से रोजाना सैकड़ों लोग आई फ्लू की चपेट में आ रहे हैं। राजकीय अस्पताल में रोजाना बड़ी संख्या में बच्चे, महिलाएं, युवा एवं बुजुर्ग आई फ्लू का इलाज करवाने के लिए पहुंच रहे हैं वहीं आई फ्लू की चपेट में आए मरीज इससे बचने के लिए बिना नंबर का ब्लैक चश्मा एवं आई ड्रॉप का इस्तेमाल कर रहे हैं। राजकीय अस्पताल के डॉक्टर चंद्रभान जांगिड़ ने शनिवार को बताया कि क्षेत्र में पिछले 2 सप्ताह से आई फ्लू ने दस्तक दी है। ये एक प्रकार की संक्रमण एवं मौसमी बीमारी है जो एक से दूसरे में हो सकती है। उक्त बीमारी ठीक होने में 5 से 7 दिन लगते हैं। अभी अस्पताल में इस बीमारी से पीड़ित रोजाना 50 से अधिक मरीज पहुंच रहे हैं। उन्होंने बताया कि आई फ्लू होने पर आंखों में खुजली आना, सूजन आना एवं हल्का दर्द भी रहता है तथा आंखे चिपकने से दिखाई देने में भी परेशानी होती है। डॉ जांगिड़ ने बताया कि इससे बचने के लिए एक दूसरे को छूने में सावधानी रखें एवं आई फ्लू होने पर समय रहते चिकित्सकों से परामर्श ले।

तेजी से फैलते आई फ्लू को लेकर शहर के स्कूलों में भी शिक्षक विशेष सावधानी रखती हुए बच्चों को इस संबंध में जागरूक कर रहे हैं और जिन बच्चों को आई फ्लू हो गया है, उन्हें फिलहाल घर पर ही रहने की हिदायत दी जा रही है। बहरहाल उपखंड क्षेत्र के लोग आई फ्लू के प्रकोप से परेशान हैं और इससे बचने के लिए ब्लैक चश्मा, आवश्यक सावधानी एवं उचित उपचार का सहारा लें रहे हैं। राजकीय अस्पताल के अलावा निजी अस्पतालों में भी बड़ी संख्या में लोग आई फ्लू का इलाज कराते हुए देखे जा रहे हैं।

इस मौसम में ज्यादा सक्रिय होता है आई फ्लू

आई फ्लू को लेकर भारत मल्टी हॉस्पिटल के डायरेक्टर डॉक्टर अब्दुल गफ्फार खान की माने तो आई फ्लू को आम बोलचाल में आंख आना कहा जाता है। यह हर साल इस मौसम में सक्रिय हो जाता है। मगर इस बार यह ज्यादा संक्रामक है। यह छोटे बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक में हो रहा है। जबकि, कोरोना से पहले ज्यादातर युवा ही इस बीमारी की चपेट में आते थे।

आई फ्लू में आंखों में खुजली आना, सूजन आना एवं हल्का दर्द भी रहता है तथा आंखे चिपकने से दिखाई देने में भी परेशानी होती है। यही नहीं इन मरीजों में चार से पांच दिन बाद कॉर्निया में छोटे-छोटे सफेद निशान पड़ते हैं। जो ठीक होने में लंबा समय लेते हैं। जिससे व्यक्ति को धुंधला दिखने की समस्या रहती है।

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