सरदारशहर। पुलिस थाने में रविवार को न्यायालय से प्राप्त इस्तगासे के आधार पर 9 दिनों के खिलाफ फर्जी ट्रस्ट बनाकर धोखाधड़ी करने के आरोप में मामला दर्ज हुआ है। पुलिस सूत्रों के अनुसार वार्ड 11 निवासी राजकुमार पुत्र सोहनलाल सोनी ने मामला दर्ज करवाया है कि मैं राजकुमार जांगलवा एस आर कॉरपोरेशन प्राइवेट लिमिटेड सरदारशहर का एमडी हूं, एक न्याय विलेख फर्जी रूप से कूटरचित दस्तावेज दिनांक 10 नवंबर 2022 को रजिस्टर्ड दस्तावेज प्रहलाद पारीक रजिस्ट्रार से करवाया गया है। जिसमें यह वर्णित किया गया था कि उपरोक्त जायदाद बीकानेर स्टेट द्वारा चिण्डालिया परिवार द्वारा दिखणादा बाजार में बीच सड़क पर उतराधी मुखी स्थित जिसका पट्टा दिनांक 29 दिसंबर 1938 के आधार पर तादादी 391 दरगज भूमि उक्त पट्टे के आधार पर तमलिकनामा दिनांक 7 फरवरी 1939 का पंजीकृत किया जाना बताया गया, लेकिन यह नहीं बतलाया गया कि जो तारीख 23 दिसंबर 1938 का पट्टा जारी किया गया, पट्टा नम्बर 268 वो निरस्त करते हुए नया पट्टा 102 दिनांक 18 दिसंबर 1940 को दूसरा पट्टा जारी कर दिया गया था, जिस कारण से पट्टा नम्बर 268 दिनांक 23 दिसम्बर 1938 अस्तित्व में नहीं रहा। इस कारण तमलिकनामे में कोई अस्तित्व में नहीं रहा। उक्त तमलिकनामे का गलत रूप से उल्लेख करते हुए उक्त ट्रस्ट डीड में उक्त जायदाद को कूटरचित दस्तावेज से फर्जी रूप से वर्णित किया है।दिनांक 18 दिसम्बर 1940 जो नया पट्टा जारी हुआ जिसका नम्बर 102 है उसके आधार पर चिण्डालिया परिवार के वारिसान के द्वारा अब एस आर कॉरपोरेशन प्राइवेट लिमिटेड यानी राजकुमार मेरी फर्म के नाम से एक रजिस्टर्ड बैनामा 19 फरवरी 2013 को किया गया था जिसका उल्लेख फर्जी सबने मिलकर मुलजिमान मैं बनाए गए न्याय विलेख दिनांक 10 नवंबर 2022 से भी किया गया है। इससे स्पष्ट है कि इस बाबत पूर्णतया न्याय विलेख तैयार करते समय सभी उक्त मुलजिमान को मालूम था कूटरचित दस्तावेज बनाते हुए अपहानि पहुँचाने छल करने के इरादे से तैयार कर रहे है। विक्रय पत्र दिनांक 18 दिसंबर 1940 के पट्टे के नम्बर 102 तादादी 391 दरगज के आधार पर 19 जून 2013 को एस.आर के हक में एम.डी. राजकुमार के हक में किया गया था। जिस दिन खरीद किया उससे लेकर अब तक मुझ परिवादी यानि एस. आर कॉरपोरेशन का कब्जा बदस्तूर बतौर मालिक के चला आ रहा है। जिसमे अन्य किसी ट्रस्ट के व्यक्ति का कोई लेना देना नहीं है।उस सूरत में सब मुलजिमान को मालूम होते हुए भी गलत रूप से फर्जी दस्तावेज कूटरचना अपहानि पहुँचाने के इरादे से बनाते हुए चिंटिंग यानि छल करने के ईराद से गलत रूप से तमलिकनामा की जायदाद बतलाकर अपने न्याय विलेख में मद संख्या 16 मे जायदाद बिना किसी आधार के अपनी होना गलत रूप से वर्णित किया गया है, तथा मेरी खरीदी हुई जायदाद को बना किसी आधार के उक्त सम्मिलित किया गया है।अपनी मनमर्जी से यानि स्वयं द्वारा फर्जी कूटरचित दस्तावेज बनाने के लिए अपने ट्रस्ट में गलत रूप से लिए जाने का आधार वर्णित किया गया है। जिसे टस्ट में करने का कतई अधिकार ट्रस्टीयान मनोज कुमार पुत्र त्रिलोक चन्द जाति दर्जी जो कि बार्ड संख्या 9 सूर्य मन्दिर के पास सरदारशहर का अपने को मुख्य टस्टी बताता है तथा अपने आप को ट्रस्टी श्याम सुन्दर भार्गव पुत्र किशनलाल वार्ड संख्या 8 सरदारशहर, बलराम पुत्र श्यामलाल वार्ड संख्या 11 सरदारशहर, शंकरलाल पुत्र मदनलाल, प्रेमप्रकाश पुत्र नारायण प्रसाद वार्ड संख्या 11 व उक्त फर्जी ट्रस्टियों के साथ जिन्होंने टेस्ट बनाने में पूर्ण रूप से मिलकर भाग लिया तथा इनका व्यास विलेख निर्माण में पूरा सहयोग किया तथा खडे होकर इन्होंने रजिस्टर्ड करवाया। जिसके साथ में दीपचन्द पुत्र श्री टीकमचन्द्र वार्ड 18 सरदारशहर, भंवरलाल पुत्र राधाकृष्ण, राजीव व्यास पुत्र भंवरलाल एवं रजिस्टार प्रहलाद पारीक, जिन्होंने फर्जी रूप से कूटरचित दस्तावेज से रजिस्टर किया एवं अन्य लोगों ने मिलकर फर्जी ट्रस्ट बनाकर छल करने के इरादे से दस्तावेज की कूटरचना करके उसमें मेरी खरीदी हुई जायदाद को छल से हडप करने के इरादे से एक राय होकर फर्जी दस्तावेज बनाकर यह कृत्य किया गया तथा उसमें उल्लेख किया गया जो कई अधिकार कानूनन नहीं होता है। वहीं पुलिस ने मामला दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।