सरदारशहर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के प्रमुख शासन सचिव राजस्व आनंद कुमार को राजस्थान राजस्व सेवा परिषद की मांगों को लिखित समझौते के अनुसार निस्तारित करने के लिए निर्देश दिए थे। 23 अप्रैल 2023 को सीएमआर में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कुलदीप रांका और आरती डोगरा को निर्देश दिए थे। लेकिन आज तक उन पर कोई भी आदेश जारी नहीं हुआ। जिसके विरोध में राजस्थान राजस्व सेवा परिषद के बैनर तले सोमवार को नायब तहसीलदार रमेश कुमार शर्मा के नेतृत्व में सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करते हुए पेन डाउन हड़ताल करते हुए विरोध प्रदर्शन किया। हड़ताल पर बैठे कर्मचारियों ने कहा कि राजस्थान सरकार की हर कल्याणकारी योजनाओं को धरातल पर उतारने का काम हम कर रहे है। लेकिन सरकार हमारे साथ ही वादा खिलाफी कर रही है। जिसका खामियाजा आने वाले विधान सभा चुनावों में भुगतना पड़ेगा।राजस्व कर्मचारियों की यह थी प्रमुख मांगेराजस्थान राज्य सेवा परिषद के मनफूल सिंह ने बताया कि 6 सूत्रीय मांगों को लेकर 17 अप्रैल 2023 को मांग पत्र सौंपा था। उन्होंने बताया कि उनकी मुख्य मांग सीधी भर्ती के आरटीएस को सीधे तहसीलदार पद पर स्थित करने का प्रस्ताव तथा मंत्रालय कर्मचारी का पदोन्नति कोटा समाप्त करना, वरिष्ठ पटवारी पद का विलोपन करने का प्रस्ताव, पटवारी, भू अभिलेख, निरीक्षक, नायब तहसीलदार और तहसीलदार के कैडर का पुनर्गठन कर नए पद सृजित किया जाए, नायब तहसीलदार का पद शत प्रतिशत पदोन्नति पद घोषित करने के लिए पटवारी के लिए ट्रांसफर संबंधी जो नियम हटाए गए हैं उन्हें बहाल करना, पटवारी की ग्रेड पे 2800 करने की मांग को लेकर मांग पत्र सौंपा गया था। उन्होंने बताया कि आरएएस कैडर का रिव्यू किए जाने पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सहमति दी थी। लेकिन कार्मिक विभाग ने आज तक किसी भी प्रकार की कार्रवाई नहीं की है। मुख्यमंत्री की सहमति के बावजूद 3 महीने से ज्यादा समय बितने के बाद भी एक भी मांग के संबंध में आदेश जारी नहीं हुआ है। जिससे राजस्व सेवा परिषद का प्रत्येक सदस्य हतोत्साहित है। जबकि राज्य सेवा परिषद का प्रत्येक सदस्य महंगाई राहत कैंप में दोगुने उत्साह के साथ कार्य कर चुका है। इस मौके पर नायब तहसीलदार रमेश सिंह, मनफूल सिंह सारण, रामस्वरूप, मनफूल सिंह नायक, तिलोकचंद, हिंगदान चारण, मनोज कुमार, अशोक कुमार, ओम प्रकाश, दिगपाल, दौलतराम, भैराराम, रजीराम, नवरत्न, प्रमोद कुमार, मोतीलाल, विकास, संगीता, मोनिका, बिरमा, सुनीता, विनोद, महेंद्र, कालूराम, हरिराम, शीशपाल आदि उपस्थित रहे।