आज के समय में पर्यावरण संरक्षण सबसे अहम सरोकार ः देवेन्द्र झाझड़िया

आज के समय में पर्यावरण संरक्षण सबसे अहम सरोकार ः देवेन्द्र झाझड़िया

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चूरू, 08 जनवरी। पैराओलंपिक गोल्ड मेडलिस्ट पद्मभूषण देवेंद्र झाझड़िया ने कहा है कि पर्यावरण संरक्षण आज के समय में सबसे महत्त्वपूर्ण सामाजिक सरोकार है। इस दिशा में किया गया प्रत्येक प्रयास सराहनीय है। हम सभी को पर्यावरण संरक्षण की दिशा में सतत प्रयास करना चाहिए।रविवार शाम को तालछापर में नेचर एनवायरमेंट एण्ड वाइल्डलाइफ सोसायटी की ओर से आयोजित सम्मान समारोह के दौरान झाझड़िया ने यह बात कही। झाझड़िया ने कहा कि नेचर एनवायरमेंट एण्ड वाइल्डलाइफ सोसायटी द्वारा पर्यावरण संरक्षण की दिशा में किये जा रहे कार्य उल्लेखनीय और अनुकरणीय हैं। खेल रत्न देवेन्द्र झाझड़िया ने कहा कि न्यूज संस्था के गौरेया बचाओ अभियान के तहत मिट्टी के घरोंदे और बर्ड फीडर बांटना जन जागृति की दिशा में अनूठा कदम हैं , इससे पक्षी संरक्षण का महत्वपूर्ण कार्य बहुत सहजता से हो रहा है। झाझड़िया ने कहा कि तेजी से विलुप्त होते पक्षियों का संरक्षण करना अब बहुत जरूरी है। संस्था द्वारा ऑक्सीजन हब की अवधारणा के साथ बड़ी संख्या में वृक्षारोपण का कार्य सराहनीय है। उससे भी ज्यादा प्रशंसनीय संस्था द्वारा बच्चों की तरह पेड़ -पोधों का लालन-पालन किया जाना है। उन्होंने कहा कि अगली बार बसन्त के दिनों में पुनः छापर आयेंगे और स्वयं भी पेड़ लगाएंगे। न्यूज के अध्यक्ष वृक्ष मित्र कन्हैयालाल स्वामी ने विस्तार से संस्था द्वारा विगत दो वषोर्ं में किये गये कायोर्ं के सम्बन्ध में बताया। नगर पालिका अध्यक्ष श्रवण माली के मुख्य आतिथ्य में आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए साहित्यकार डॉ. घनश्याम नाथ कच्छावा ने झाझड़िया की उपलब्धियों की सराहना की। न्यूज संस्था के कार्यालय में देवेन्द्र झाझड़िया और उनके भाई का अरविंद झाझड़िया का संस्था द्वारा अभिनंदन किया गया। अभिनंदन स्वरूप दुपट्टा, साहित्य, मिट्टी का घरोंदा, बर्ड फीडर, कृष्ण मृग का चित्र भेंट किया गया। इस अवसर पर क्षेत्रीय वन अधिकारी उमेश बागोतिया ने इन दिनों प्रवास पर आने वाले पक्षियों के विषय में जानकारी दी। रेंजर विकास कुमार स्वामी ने ताल छापर क्षेत्र में होने वाली दुर्लभ वनस्पतियों के सम्बन्ध में बताया। इस अवसर पर संस्था के हरिप्रसाद जोशी, पार्थ सोनी, मुकेश धाणक, लक्ष्य सारस्वत, नेचर गाइड़ जितेन्द्र कुमार आदि उपस्थित थे। संचालन शंकरलाल सारस्वत ने किया।

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