सरदारशहर के किसानों के सामने नई मुसीबत

सरदारशहर के किसानों के सामने नई मुसीबत

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सरदारशहर। किसान पहले से ही महंगाई की मार झेल रहे हैं। वहीं किसानों के सामने आए दिन कोई ना कोई नई परेशानी सामने आकर खड़ी हो जाती है। चूरू जिला क्षेत्र रबी की फसल का हब माना जाता है लेकिन इस बार सरसों की फसल को ओरोबैंकी (रुखड़ी) खरपतवार नुकसान पहुंचा रही है। इससे क्षेत्र के किसान परेशान हैं। डराने वाली बात है कि कृषि विभाग के पास इसका प्रभावी इलाज नहीं है। इससे ओरोबैकी (रुखड़ी) लगातार फैलती जा रही है। किसानों की माने तो ओरोबेंकी के उगते ही सरसों का पौधा कमजोर होकर सूखने लगता है और अधिक प्रकोप होने पर फसल नष्ट हो जाती है। कृषि विभाग आय बढ़ाने के लिए किसानों को आधुनिक खेती अपनाने को लेकर जागरूक कर रहा है, लेकिन पौधे की जड़ों में उगने वाले ओरोबैंकी (परजीवी पौधा) का प्रभावी इलाज उसके पास भी नहीं है। फसल को पोषण तत्व नहीं मिलने से दाना पतला हो जाता है, जिससे तेल व वजन की मात्रा आधे से कम रह जाती है।

किसान अपने स्तर पर फसल चक्र अपना कर और निराई- गुड़ाई से नियंत्रित करने का प्रयास कर रहे हैं।उड़सर के किसान प्रताप सारण ने बताया कि इस बार खेतों में ओरोबैंकी (रुखड़ी) होने के कारण सरसों की फसल को भारी नुकसान हो रहा है। यह पौधो के नीचे के स्तर में पहले हल्की सी गांठ बनती है। उसके बाद रुखड़ी हो जाती है। वहीं इफ्को के मुकेश कुमार ढाका ने बताया कि इस ओरोबैंकी (रुखड़ी) का कोई स्थाई इलाज नहीं आया है। इस रोग से बचने के लिए किसानों को गहरी जुताई करनी चाहिए तथा फसल को बदलकर बोनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अब इस क्षेत्र में ओरोबैंकी (रुखड़ी) का रोग सरसों में बढ़ता जा रहा है यह होने की बाद में पौधे की ग्रोथ बंद हो जाती है और बहुत तेजी के साथ यह फैलाव करता है।लगातार एक ही फसल से आशंका महीन बीज नजर नहीं आतेसरसों की फसल की बुवाई के 20 से 40 दिन बाद जब फसल में फूल व फलियां आने लगती हैं, तब यह परजीवी सरसों की फसलों की जड़ों में उगना शुरू होता है। दाना बनते समय जड़ों से लवण व पानी सोख लेता है। कृषि विशेषज्ञों कहना है कि ओरोबैंकी वार्षिक पौधा है, जिसका प्रसार बीज से होता है। इसके बीज छोटे, अंडाकार, गहरे भूरे या काले रंग के होते हैं, जो आसानी से दिखाई नहीं देते हैं। एक पौधा लाखों बीज बनाने की क्षमता रखता है। सरसों के पौधे की जड़ें एक विशेष प्रकार का ओरोबेंकाले / इलेक्ट्रॉल नामक रासायनिक उत्तेजक छोड़ती है, जो ओरोबैंकी के बीज के लिए उत्तेजक का कार्य करता है। बीज अंकुरित होकर सरसों की पौधों की जड़ों से जोड़ लेता है।चूरू कृषि विभाग के सहायक निदेशक कुलदीप शर्मा ने बताया कि एक ही खेत में लगातार सरसों की फसल लेने से फसल के साथ ज्यादा उगने लगता है। इसके लिए कोई दवाई नहीं आती। इसके फैलाव को कम करने के लिए उखाड़कर बाद में जला दे।

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