भार्गव परिवार ने बेटी प्रतिभा को घोड़ी पर बैठाकर निकाली बिंदोरी

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चूरू। वर्तमान में बेटियों के प्रति समाज में जागृति आई है। अब बेटियों को भी बेटों के समान समझा जाने लगा हैं। जो देश व समाज के लिए अभिनव पहल हैं। ऐसा ही बेटा-बेटी समानता का सन्देश चूरू के ओम काॅलोनी के सुरेश भार्गव व उनके परिवारजनों ने दिया। जिसमें सुरेश भार्गव ने अपनी लाडली पुत्री प्रतिभा ऊर्फ शालू को घोड़ी पर बैठाकर गाजे-बाजे के साथ बिंदोरी निकाली। शालू के ताऊजी गिरधारी लाल व महावीर भार्गव ने बताया कि बिटिया की बिंदोरी निकालने का एक मात्र उद्देश्य समाज में बेटा-बेटी के भेद को मिटाकर समानता का सन्देश देना हैं। बिंदोरी में प्रतिभा ऊर्फ शालू की सहेलियों,भाई बहनों , परिवारजनों सहित रिश्तेदारों ने नाचकर खुशियां मनाई। प्रतिभा के ताऊ राजेन्द्र भार्गव, दयानन्द किशोर,चाचा राकेश व पवन भार्गव ने बताया कि आज के परिप्रेक्ष्य में देखा जाए तो बेटियां बेटों से अधिक नाम कमा रही है।

वही हर एक क्षेत्र में कदम से कदम मिलाकर देश की उन्नति में योगदान दे रही है। बेटा सफल होने पर एक ही परिवार का नाम रोशन करता है जबकि बेटियां सफल होने पर दो परिवारों का नाम रोशन करती है। इसलिए बेटा और बेटी में भेदभाव न करने और समानता का दर्जा देने का संदेश दिया गया। हमारे परिवार में पहलीबार लड़की की बिंदोरी निकालकर हमारे समाज में जागृति लाने का छोटासा प्रयास है। इससे बेटा-बेटी समानता के वातावरण का निर्माण होने की संभावना बढ़ेगी। इस दौरान बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ का संदेश भी दिया गया।

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