चूरू। तीन दिवसीय दौरे पर चूरू आईं कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय, भारत सरकार की संयुक्त सचिव एवं जल शक्ति अभियान ’कैच द रेन 2024’ की केन्द्रीय नोडल ऑफिसर हिना उस्मान व केन्द्रीय भूमि जल बोर्ड, जल शक्ति मंत्रालय जयपुर एवं तकनीक अधि. के वैज्ञानिक बी (भू-भौतिकी) डाॅ प्रेमप्रकाश डूकिया ने बुधवार को चूरू जिले में निर्मित जल संचयन संरचनाओं का निरीक्षण किया। उन्होंने चूरू तहसील के गांव लालासर, ढाणी रणवा एवं दूधवाखारा में वाटरशैड के अधिकारियों के साथ निर्मित टांका, जोहड़, फार्म पोण्ड, चारागाह इत्यादि का अवलोकन कर वाटर शैड के अधिकारियों से चूरू जिले में जल संचायन सरंचनाओं की जानकारी प्राप्त की तथा वर्षा जल का अधिक से अधिक उपयोग किये जाने के निर्देश प्रदान किए गए हैं। उन्होंने दूधवाखारा स्थित पीएचसी पर महिलाओं से वार्ता करते हुए वर्षा जल का संचयन करने के लिए प्रोत्साहित किया गया। नोडल अधिकारी हिना उस्मान ने बुधवार सवेरे जिला कलक्टर पुष्पा सत्यानी की मौजूदगी में विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में वाटर शेड, नगरपरिषद् चूरू, स्वास्थ्य विभाग, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग, कृषि विभाग, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग सहित अन्य विभाग के अधिकारियों द्वारा पीपीटी के माध्यम से निर्मित वर्षा जल संचयन संरचनाओं से संबंधित जानकारी केन्द्रीय नोडल ऑफिसर को उपलब्ध करवाई गई। उन्होंने बैठक में उपस्थित अधिकारियों से कहा कि जल आंदोलन को जन आंदोलन बनाने के लिए जल संचयन के कार्यो में अधिक से अधिक महिलाओं की भागीदारी को सुनिश्चित करने के लिए नारी शक्ति से जल शक्ति अभियान चलाया जाये।
बैठक के पश्चात उन्होंने नगरपरिषद् आयुक्त अभिलाषा सिंह के साथ शेखावत काॅलोनी में निजी आवास पर निर्मित जल संचयन संरचना एवं गाजसर में निर्माणाधीन 3.50 एमएलडी एसटीपी एवं 07 एमएलडी (अपग्रेडेशन) एस.टी.पी, ताजूशाह तकिया निर्मित 1 एमएलडी व अग्रसेन नगर निर्मित 3.20 एमएलडी एसटीपी का निरीक्षण किया। इसके पश्चात वन विभाग द्वारा आदर्श विद्या मन्दिर स्कूल के पीछे रतनगढ रोड़ पर पर विकसित नगर वन में दोपहर को आयोजित वन महोत्सव कार्यक्रम में शिरकत भाग लिया तथा इस कार्यक्रम में उपस्थित आमजन को जल आंदोलन को जन आंदोलन बनाने की शपथ दिलाई गई। उपस्थित महिलाओं को वर्षा जल के संचयन के लिए प्रेरित किया गया।