सालासर विश्व विख्यात सिद्धपीठ सालासर में हो रहे ऐतिहासिक 1008 हनुमंत महायज्ञ तीसरे दिन की कथा में कथावाचक श्री चित्रकूट तुलसी पीठाधीश्वर जगदगुरू रामानंदाचार्य स्वामी रामभद्राचार्य महाराज ने कथा के दौरान कहा कि गोस्वामी तुलसीदास ने हनुमान भाऊ में कहा की आप हनुमान भाऊ का पाठ जरूर करे और पाठ करने से आपकी पीड़ा दूर हो जायेगी। हनुमान जी महाराज एक ऐसे देवता है जो दो अवतार में विराजमान है। रामावतार व कृष्णावतार, उन्होंने रामावतार में रामजी की सेवा की और कृष्णावतार में श्रीकृष्ण भगवान की प्रेणना से अर्जुन के रथ पर विराजित है। रामावतार में नीचे बैठते थे। कृष्णावतार में श्री कृष्ण से ऊपर बैठते थे। अहिल्या उद्धार के बाद सभी पत्थरों की इच्छा थी कि भगवान के चरण उन पत्थरों पर पड़े। गोस्वामी जी ने हटे छंद में कहां की गौड़ शब्द चरणों को बोला जाता है हनुमान जी महाराज के चरण जब रामसेतु के वाणों पर लगें तो भगवान श्रीकृष्ण की पीठ पर गहरा गड्डा हो गया। इस दौरान उन्होंने जय श्री राम शब्द को ओजपूर्ण शब्द बताया। उन्होंने कहा की एक नेता जय सियाराम बोलते है, जो पप्पू है। जय श्री राम में एक अलग क्रांति दिखाई देती है। जिससे हमें आध्यात्मिक शक्ति मिलती है। कथा के तीसरे दिन महाराज राभद्रचार्य जी के 74वे जन्मदिवस के अवसर पर कथा सहित अनेक संस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुतिया दी गई और सालासर पुजारी परिवार सहित प्रसिद्ध संत और राजनेताओ ने महाराज का आशीर्वाद लेकर उन्हे जन्मदिन की बधाई दी।