सरदारशहर के वन विभाग के पास बनी गिनाणी और झाड़ियो के बीच 29 जनवरी को अज्ञात शव मिलने से आसपास के क्षेत्र में सनसनी फैल गई थी, लकड़ियां काटने पहुंची कुछ महिलाओं ने जब शव को देखा तो इसकी सूचना पुलिस थाने में दी गई, मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर राजकीय अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया, जिस अवस्था में शव मिला था उसके आधार पर पुलिस यह मान चुकी थी कि इस व्यक्ति की हत्या के बाद यह शव यहां पर डाला गया है, अब पुलिस के सामने परेशानी थी कि मृतक की शिनाख्त कैसे की जाए, क्योंकि मृतक के पास ना तो मोबाइल मिला था और ना ही कोई पहचान संबंधी दस्तावेज, ऐसे में पुलिस ने मृतक की फोटो सोशल मीडिया राजस्थान के समस्त पुलिस थानों और आसपास के राज्यों के समस्त पुलिस थानों में भेजी, 29 जनवरी रात्रि को ही मृतक की शिनाख्त झालावाड़ निवासी श्यामसिंह राजपूत के रूप में हुई, 30 जनवरी को पुलिस ने परिजनों की मौजूदगी में मृतक के शव का मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम करवाकर शव परिजनों को सुपुर्द कर दिया। और परिजनों की रिपोर्ट पर हत्या का मामला दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी, अब पुलिस के सामने समस्या थी इस ब्लाइंड मर्डर का खुलासा करने की
मृतक की जेब में मिले टिकट ने खोला हत्या का राज
जब पुलिस ने मृतक के शव को कब्जे में लिया तब मृतक की जेब से कोई दस्तावेज तो नहीं मिला पर मृतक की जेब में एक बस का टिकट मिला, जिससे पुलिस को यह पता लग गया कि मृतक श्यामसिंह अन्य दो व्यक्तियों के साथ 22 जनवरी को सुबह सरदारशहर आया था, मृतक के परिजनों से बात की तो परिजनों ने बताया कि उनके रिश्तेदार राहुल जो श्यामसिंह के साथ में था, अब पुलिस जांच में जुटी थी कि आखिर वह तीसरा आदमी कौन था, थानाधिकारी मदनलाल बिश्नोई ने ब्लाइंड मर्डर का खुलासा करने के लिए तुरंत एक टीम का गठन किया और राहुल की गिरफ्तारी के लिए टीम को मध्य प्रदेश के लिए रवाना किया, मध्य प्रदेश पहुंची पुलिस टीम के पास सबसे बड़ी समस्या थी कि वह राहुल को कैसे पहचानेंगे, लेकिन पुलिस ने मध्य प्रदेश में राहुल की काफी तलाश की लेकिन राहुल इतना शातिर था कि उसे पता चल चुका था कि पुलिस अब उसके पीछे है, अब राहुल जहां-जहां जाता पुलिस उसके पीछे-पीछे वही पहुंच जाती और आखिरकार राहुल पुलिस की टीम से बच नहीं पाया और पुलिस ने राहुल को गिरफ्तार कर लिया, राहुल के बताए अनुसार पुलिस ने हत्या करने वाले दूसरे आरोपी मध्य प्रदेश निवासी प्रदीप उर्फ पवन को भी कड़ी मसक्कत के बाद मध्य प्रदेश से ही गिरफ्तार कर लिया और सरदारशहर लेकर पहुंची। पुलिस के अनुसार मृतक श्यामसिंह राहुल का मौसा था और मात्र 1 लाख रुपये के लिए अपनी मौसा श्याम सिंह की हत्या कर दी और अपनी मौसी का सुहाग उजड़ दिया। थानाधिकारी मदनलाल बिश्नोई ने रविवार शाम को पूरे मामले का खुलासा करते हुए बताया कि 29 जनवरी को वन विभाग के पास एक अज्ञात व्यक्ति की लाश मिलने पर मौके पर पहुंचकर मौका मुआयना कर मौके की फोटोग्राफी करवाई गई, अज्ञात मृतक के हाथ पर श्यामसिंह नाम का टैटू गुदवाया हुआ था, मृतक की फोटो और टैटू के आधार पर राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, हरियाणा के पुलिस थानों में सूचना दी गई और मृतक की शिनाख्त के लिए सोशल मीडिया पर भी मृतक के फोटो का प्रचार प्रसार किया गया, तब अज्ञात मृतक की शिनाख्त झालावाड़ निवासी श्यामसिंह पुत्र बालूसिंह राजपूत उम्र 35 साल के रूप में हुई। 30 जनवरी को मृतक के छोटे भाई रामसिंह राजपूत की रिपोर्ट पर अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर मामले में जांच शुरू की गई। और मध्य प्रदेश के रतलाम निवासी राहुल पुत्र तेजसिंह राजपूत उम्र 21 साल और पवन उर्फ प्रदीप पुत्र अशोक सुथार उम्र 36 साल को मध्य प्रदेश से गिरफ्तार किया गया। पुलिस के अनुसार श्यामसिंह, राहुल और पवन उर्फ प्रदीप 22 जनवरी की सुबह बस से सरदारशहर आए थे। दोनों ने 22 जनवरी की रात्रि को ही रुपए के लेनदेन को लेकर श्यामसिंह की मारपीट कर हत्या कर दी और वापस 22 जनवरी को ही मध्य प्रदेश चले गए। दोनों ने श्याम सिंह की हत्या करने के बाद श्यामसिंह का मोबाइल पास ही बनी गिनाणी में फेंक दिया और श्यामसिंह के जूते भी झाड़ियो में फेंक दिए। श्यामसिंह के मुंह पर चोट भी मारी गई ताकि शव की शिनाख्त ना हो पाए। पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार करने के बाद घटनास्थल से गिनाणी में फेके गए मोबाइल और मृतक के जूते को भी जप्त कर लिया है।
मृतक श्याम सिंह के परिजनों ने बताया कि राहुल और उसके दोस्त पवन उर्फ प्रदीप ने 22 जनवरी को रात्रि को फोन करके कहा कि श्यामसिंह के ऊपर पुलिस कैसे हो गया है इसलिए 1 लाख 10 हज्जर रुपए अभी भेजो, जिसके बाद परिजनों ने प्रदीप के बैंक खाते में तुरंत 1 लाख 10 हजार रुपए डलवा दिए, 23 जनवरी को राहुल श्यामसिंह के घर गया और वहां पर बताया कि श्याम सिंह को पुलिस ने पकड़ लिया है और श्यामसिंह का मोबाइल नंबर बंद आ रहा है, आपको बता दे की श्यामसिंह मादक पदार्थों की तस्करी करता था इसलिए उनके परिजनों को भी लगा कि हो सकता है श्याम सिंह को पुलिस ने पकड़ लिया होगा, 29 जनवरी को राहुल ने श्याम सिंह के घर पर जाकर कहा कि श्याम सिंह की लाश सरदारशहर में मिली है और उसकी किसी ने हत्या कर दी है।
ब्लाइंड मर्डर का खुलासा करने वाली टीम में थानाधिकारी मदनलाल विश्नोई, एसआई मंगूराम, एसआई जयसिंह, कांस्टेबल रामचंद्र सिहाग, शिवकुमार और धर्मेंद्र की विशेष भूमिका रही।
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