नन्हेमुन्ने बच्चे अब खेल-खेल में करेंगे पढ़ाई

नन्हेमुन्ने बच्चे अब खेल-खेल में करेंगे पढ़ाई

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63 ग्राम पंचायतों में 31.50 लाख की लागत से मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र विकसित किए गए,इसका मुख्य लक्ष्य बच्चे खेल-खेल के साथ सीखेंगे पढाई

सरदारशहर। सरकारी शिक्षा को लेकर प्रदेश की सरकार काफी सजग है । वहीं अब सरदारशहर नन्हे मुन्ने बच्चे खेल खेल में पढ़ाई करते हुए दिखाई देंगे। दरअसल उपखंड क्षेत्र की 63 ग्राम पंचायतों में 31.50 लाख की लागत से प्रत्येक पंचायत मुख्यालय पर एक-एक शानदार मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र विकसित किए गए है। जिला कलेक्टर सिद्धार्थ सिहाग के निर्देश पर ब्लॉक की सभी ग्राम पंचायतों में मॉडल आंगन बाड़ी केंद्र तैयार करने के निर्देश एसडीएम, तहसीलदार, विकास अधिकारी,सहित ग्राम विकास अधिकारियों को देने के बाद ग्राम पंचायतों के मद से यह मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र विकसित किए गए है। पंचायत समिति की प्रधान निर्मला राजपुरोहित ने बताया कि सभी आंगन बाड़ी केंद्र विकसित हो चुके है। मॉडल केंद्र बच्चों की सुविधाओं के हिसाब से ईसीसीई मॉडल के अनुरूप मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र के रूप में विकसित किया गया है। ये सभी केन्द्र अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस व चाइल्ड फ्रेंडली है। पंचायत समिति के जेईएन जगदीश सारण ने बताया कि मॉडल केंद्रो में बच्चों के लिए स्कूल पूर्व शिक्षा के साथ मनोरंजन के साधन भी उपलब्ध करवाए है। जिसमें सारी अहम भूमिका ग्राम पंचायत की है। जेईएन सारण ने बातया कि आंगन बाड़ी केंद्र को मॉडल विकसित करने में 50 हजार रूपए एक पर खर्च किए है टॉटल 63 को विकसित करने में 31.50 लाख रूपए खर्च किए है।

वही प्रधान प्रतिनिधि मधुसूदन राजपुरोहित ने बताया कि आंगनवाड़ी केंद्र में फर्श व दीवारों को बच्चों से जुड़ी विभिन्न कलाकृतियों के माध्यम से बच्चे आसानी से पढ़ाई कर सकें, इसकी भी व्यवस्था की गइ है। इसको विकसित करने का मुल कारण यह है कि आंगनबाड़ी केंद्रों में बेहतर माहौल मिल सके इसलिए इस काम को तेज गति से पूरा करवाया गया है।

गौरतालब है कि निदेशालय के द्वारा आंगनवाड़ी केंद्रों पर स्कूल पूर्व शिक्षा प्राप्त कर रहे 3 से 6 साल के नामांकित बच्चों के विकास के लिए आंगनबाड़ी केंद्रों को ईसीसीई पाठ्यक्रम के तहत विकसित करने का निर्देश मिला था। सभी परियोजना में सीडीपीओ के माध्यम से वैसे केंद्रों का चयन किया गया है, जिस केंद्र का अपना भवन को, केंद्र में चापाकल, शौचालय की व्यवस्था को और वह केंद्र इस जगह स्थित हो जहां लोग आसानी से पहुंच सकें। केंद्र में बच्चों की सुविधा के अनुसार शौचालय में दरवाजा के अलावा केंद्र के भवन को भी लर्निग टूल के रूप में विकसित किया गया है।

यह किया है मॉडल आंगन बाड़ी केेंद्रों में बदलाव

पंचायत समिति के जेईएन जगदीश सारण ने बताया कि ईसीसीई मॉडल के अनुरूप बनने वाले मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र में लिखने के लिए सादी सतह, लकड़ी की खूंटी, बच्चों के लिए किताबों का कोना, झूला, फर्श पर पेंटिंग व ज्यामितीय आकृतियां, पीने व हाथ धोने को पानी की व्यवस्था, चौकी, मेज, बगीचा, केन्द्र के बरामदे व बाहरी दीवारों पर पेंटिंग आदि की सुविधा उपलब्ध करवाई गई है।

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