चिकित्सा विभाग की बड़ी लापरवाही, निःशुल्क दवा योजना की लाखों रुपये की दवाइयां जली हालत में मिली

चिकित्सा विभाग की बड़ी लापरवाही, निःशुल्क दवा योजना की लाखों रुपये की दवाइयां जली हालत में मिली

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सुजानगढ में सरकारी हॉस्पिटल में आम तौर पर मरीजों को निःशुल्क दवा योजना में पूरी दवा नहीं मिल पाती। बताया जाता है कि अमुक दवा उपलब्ध नहीं है। ऐसे में मरीजों को महंगे दामों पर प्राइवेट मेडिकल स्टोर्स से महंगी दवाएं खरीदनी पड़ती है। लेकिन इसके विपरीत सुजानगढ़ तहसील के लालपुरा गांव में लाखों रुपए कीमत की निःशुल्क दवा योजना की दवाईयां जलाए जाने का गंभीर मामला सामने आया है। हैरानी की बात ये है कि इनमें से ज्यादातर दवाएं एक्सपायर नहीं हुई है। इनमें कई जीवन रक्षक दवाइयां भी शामिल हैं, जिनमें किसी दवा की एक्सपायरी डेट 2025 तो किसी की 2027 तक भी लिखी हुई है। मामला तहसील के लालपुरा से घोटड़ा के रास्ते में गोटिया तलाई के पास का है। जहां ग्रामीणों ने दवाईयां जलती देख प्रशासन को सूचना दी। सूचना के बाद एसडीएम ने पटवारी और गिरदावर को रिपोर्ट बनाने के लिए मौके पर भेजा। वहीं सालासर पुलिस भी मौके पर पहुंची, जो अधजली दवाईयां जब्त कर अपने साथ ले गई। इस दौरान गांव का पीएचसी बन्द हालत में मिला। जहां कुछ मरीज नर्स का इन्तजार करते भी दिखे। अभी नहीं कहा जा सकता कि यह गंभीर लापरवाही और अपराध किसने किया। लेकिन कहीं ना कहीं चिकित्सा विभाग के कर्मचारियों और अधिकारियों की लापरवाही जरूर सामने आई है। लम्बे समय से जलाई जा रही है दवाईयांबुधवार को जहां तीन कट्टों में भरकर ये दवाएं जलाई गई है। वहीं आसपास पहले से जलाई दवाओं के निशान भी मिले। कई जगह दवाओं के रैपर और शीशियां बिखरी दिखाई दी। अंदेशा है कि यह खेल लम्बे समय से चल रहा है। तहसीलदार ने कहा मामला गंभीर, बीसीएमओ ने कहा दवाओं के बैच नम्बर से पता लगा रहेमामले को लेकर तहसीलदार सुभाष स्वामी ने कहा कि दवाईयां जलाए जाने का मामला गंभीर है। फिलहाल अधजली दवाएं जब्त कर सालासर थाने में रखवाई गई है। बीसीएमओ सहित जिम्मेदार अधिकारियों कर्मचारियों से बात कर मामले की जांच की जाएगी। दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे। वहीं बीसीएमओ राजेश वर्मा ने बताया कि टीम को मौके पर भेजा है। जो दवाओं के बैच नम्बर चेक कर पता लगाएगी कि दवाएं कौनसी सीएचसी या पीएचसी की है। इसके बाद कार्रवाई करेंगे।

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