स्कूल और कॉलेज की सैकड़ों लड़कियों की जिंदगी खराब करने वाली घटना पर बन रही फिल्म अजमेर 92 रिलीज से पहले ही विवादों में घिर गई है। फिल्म द केरल स्टोरी के ट्रेलर के साथ इस फिल्म को लेकर विवाद का सिलसिला शुरू हुआ था और रिलीज होने के कई दिनों बाद तक इसके खिलाफ आवाज उठती रही। अब ऐसी ही फिल्म अजमेर 92 में रिलीज की तैयारी में है । बताया जा रहा है कि यह भी सच्ची घटना पर आधारित फिल्म है । जिसमें दिखाया गया है कि कैसे स्कूल कॉलेज की भोली भाली मासूम लड़कियों के साथ गैंगरेप और बाद में उन्हें ब्लैकमेल किया गया था । वही इस फिल्म को लेकर भी अब विवाद शुरू हो गया है । यह फिल्म अजमेर में सालों पहले 100 से ज्यादा युवा लड़कियों के साथ गैंगरेप और उन्हें ब्लैकमेल करने की कहानी बताईएगी। कहा जा रहा है कि यह फिल्म सच्ची घटना पर आधारित है, जिसमें स्कूल और कॉलेज की सैकड़ों लड़कियों की जिंदगी खराब कर दी थी।
इस फिल्म को लेकर मीडिया भी खासी दिलचस्पी ले रहा है। मीडिया के अंदर भी तरह-तरह की खबरें इस फिल्म को लेकर इस समय चल रही है। मीडिया में आ रही खबरों के अनुसार मामला 1990 से 1992 तक था क्षेत्र पर एक बदनवा दाग लगा था पुलिस ने छात्राओं को ब्लैकमेल करने वाले एक गिरोह को पकड़ा । यह पूरा मामला अजमेर के विभिन्न स्कूलों में पढ़ने वाली 17 से 20 साल की लड़कियों से जुड़ा था तब 100 से भी ज्यादा लड़कियों को जाल में फंसा कर उनकी न्यूड असली फोटो खींचकर और ब्लैकमेल कर उनका यौन शोषण करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ होने के बाद सामने आया। पीड़ितों के परिवार जन अपनी इज्जत के खातिर शहर से दूर जाने की फिराक में रहे। जब पुलिस की जांच हुई तो सामने आया कि गिरोह में राजनीतिक और आर्थिक रूप से प्रभावशाली होने के चलते पुलिस पर भी काफी दबाव था कहा जाता है कि जिला पुलिस प्रशासन को आशंका थी कि पीड़ितों के सामने आए बिना यदि किसी पर भी हाथ डाला जाएगा तो शहर की शांति और कानून व्यवस्था को सामान्य बनाए रखने का बड़ा जोखिम होगा। तत्कालीन मुख्यमंत्री भैरों सिंह शेखावत ने शांति और कानून व्यवस्था बिगड़ने नहीं देने और अपराधियों को नही छोड़ने के स्पष्ट संकेत दिए थे ।